अमृत वाणी
हरि ॐ
आज का विषय "ज़िम्मेदारी"
१. हम हमारे दायित्व को समझे और उनको पूरा करे ठीक उसी प्रकार जिस तरह "दिया"अपना दायित्व रोशनी देकर पूरा करता है और अँधेरे को दूर करता हें !
२. हमे अपने देश के प्रति भी ज़िम्मेदार होना चाहिए और उसका सिर निचे नहीं होने देना चाहिए
३. गैर ज़िम्मेदारी पतन का कारण होती है
४. स्वर्ग या नरक बनाने वाला भगवान् नहीं बल्कि हम ख़ुद होते है, अगर हम मिलकर जीवन निर्वाह करेंगे तो वातवरण स्वर्ग होजाता है नहीं तो वही वातावरण नरक के समान होता है
५. सुन्दरता का पैमाना स्वभाव होता है
परमपूज्य सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश
निरंजन अगरवाल