सदगुरु की अमृत वाणी
"यह जरुरी नहीं कि जो आप चाहते हैं संसार में वही मिल जाए।
यह भी जरुरी नहीं कि आपको संसार में आपके मनोनुकूल ही परिस्थितियां मिलें ।
यह भी संभव नहीं कि आपको एक सम्पूर्ण संसार या एक ऐसा परिवार मिले जिसमें सारी खुशियां हों ।
हर एक के लिए कुच्छ न कुच्छ तो कमी रहेंगी ही।
इस अभाव के ससार में भी जो शांत रह सके, मुस्करा सके तो समझो उसे जीने की कला आ गई। "
परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज