सोने से पहले क्या और क्यों पढ़े?
2011/6/24 Madan Gopal Garga
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jyoti gauba
सोने से पहले क्या और क्यों पढ़े?
कहते हैं रात को हम जिस तरह के विचारों के साथ सोते हैं सुबह हमारे दिन की शुरूआत जैसे होती है वैसे ही पूरा हमारा दिन बीतता है। यदि रात को मंत्र जप करते हुए, ध्यान करते हुए या कुछ अच्छे विचार रखकर सोएं तो नींद गहरी आती ही है। साथ ही आने वाला दिन भी सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ होता है।
अधिकतर नियमबद्ध धार्मिक लोग अपनी दिनचर्या की शुरूआत धर्म ग्रंथों के साथ करते हैं लेकिन आजकल की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग चाहकर भी यह नहीं कर पाते हैं। कहते हैं सुबह के समय इनको पढऩे से कोई विशेष फल मिलता है यह केवल एक रूढ़ी मात्र है।
दरअसल यह हमारी विचारधारा, मानसिकता और स्वास्थ्य के लिए तय किया गया है कि धर्म ग्रंथ सुबह ही पढ़े जाएं। लेकिन यदि रात को अच्छे विचारों वाली या आध्यात्मिक पुस्तक पढ़ते हुए सोएं तो कुछ ही दिनों में आप अपने आप में और अपने जीवन में इसका प्रभाव महसूस करेंगे। इसीलिए रात को सोने से पहले आध्यात्मिक विचारों वाली किताब का ज्यादा नहीं तो सिर्फ एक पेरेग्राफ पढ़कर सोएं। आपका आने वाला कल सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ होगा।
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