नज़र और नसीब का कुछ ऐसा इत्तेफाक हैं कि नज़र को अक्सर वही चीज़ पसंद आती हैं; जो नसीब में नहीं होती:! और नसीब में लिखी चीज़ अक्सर नज़र नहीं:!!
मैंने एक दिन खुदा से पुछा: आप मेरी दुआ उसी वक्त क्यों नहीं सुनते; जब मैं आपसे मांगता हूँ? खुदा ने मुस्कुरा कर कहा: मैं तो तेरे गुनाहों की सजा भी उस वक्त नहीं देता जब तू करता हैँ:!!
किस्मत पहले ही लिखी जा चुकी है; तो कोशिश करने से क्या मिलेगा? क्या पता किस्मत में लिखा हो कि कोशिश से ही मिलेगा:!!
ज़िन्दगी में कुछ खोना पड़े तो यह दो लाइन याद रखना: 'जो खोया है उसका ग़म नहीं लेकिन जो पाया है वो किसी से कम नहीं:!' 'जो नहीं है वो एक खवाब हैं; और जो है वो लाजवाब है:!!'
इन्सान केहता है कि पैसा आये तो मैं कुछ करके दिखाऊ; और पैसा केहता हैं कि तू कुछ करके दिखाए तो मैं आऊ:!
बोलने से पेहले लफ्ज़ आदमी के गुलाम होते हैं; लेकिन बोलने के बाद इंसान अपने लफ़्ज़ों का गुलाम बन जाता हैँ:!!
ज्यादा बोझ लेकर चलने वाले अक्सर डूब जाते हैं; फिर चाहे वो अभिमान का हो; या सामान का:!!
जिन्दगी जख्मो से भरी हैं; वक़्त को मरहम बनाना सिख लें; हारना तो है मोतके सामने; फ़िलहाल जिन्दगी से जीना सिख लें:!!